कवितावली (उत्तर काण्ड से) – कवित्त में गोस्वामी तुलसीदास जी ने बताया है कि संसार के सभी लोग अच्छे-बुरे काम बिना धर्म-अधर्म की परवाह किए केवल ‘पेट की आग’ को शांत करने के लिए करते है, इस पेट की आग को बुझाने के लिए कोई बुरे कर्म न करने पड़े इसके लिए कवि एक उपाय बताते हैं और वह उपाय है – राम-रूपी घनश्याम का कृपा-जल।
Pages – 248
Weight – 280 g
Size – 21 x 14 x 1.2 cm
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