घनानंद मूलतः प्रेम की पीड़ा के वियोगी कवि माने जाते हैं। उनकी काव्य रचनाओं में प्रेम का अत्यंत गंभीर, निर्मल और व्याकुल कर देने वाला उदांत रूप देखने को मिलता हैं। उन्होंने सुजान के रूप-सौंदर्य, लज्जा, व्यवहार आदि का अत्यंत मार्मिकता वर्णन अपनी रचनाओं में किया हैं। घनानंद की भाषा परिष्कृत और साहित्यिक भाषा है।
- Language : Hindi
- Paperback : 168 pages
- Reading age : 10 years and up
- Item Weight : 170 g
- Dimensions : 21 x 14 x 0.8 cm
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