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Nirukta (1st, 2nd & 7th Adhyay) by Mahakavi Yaska

200.00

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निरुक्त वैदिक साहित्य के शब्द-व्युत्पत्ति का विवेचन है। यह हिन्दू धर्म के छः वेदांगों में से एक है – इसका अर्थ: व्याख्या, व्युत्पत्ति सम्बन्धी व्याख्या। इसमें मुख्यतः वेदों में आये हुए शब्दों की पुरानी व्युत्पत्ति का विवेचन है। निरुक्त में शब्दों के अर्थ निकालने के लिये छोटे-छोटे सूत्र दिये हुए हैं।

Pages – 344

Weight – 350 g

Size – 21 x 14 x 1.6 cm

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