संसार की सभी भाषाओं में श्रेष्ठ और प्राचीनतम भाषा ‘संस्कृत’ की महत्ता इस बात से ही विदित होती है कि इसे ‘देववाणी’ भी कहा जाता है। ऐसी महान भाषा में विभिन्न प्राचीन एवं अधुनातन विषयों पर विविध निबन्धों का संग्रह ‘संस्कृत निबन्ध संग्रह’ पुस्तक में किया गया है। साथ ही छात्रों की सुविधा के लिए प्रत्येक निबन्ध के कठिन संस्कृत शब्दों का हिन्दी में अर्थ भी दिया गया है। इसमें निबन्ध साहित्य और उसके विभिन्न विषयों पर लघु, अतिलघु एवं बहुविकल्पीय प्रश्नों को समाहित किया गया है।
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