शिवराज विजय ग्रन्थ में उल्लिखित मंगल सूक्ति भागवतमहापुराण से ली गयी है। शिवराजविजय ग्रन्थ के रचयिता अम्बिकादत्त व्यास है। अर्थात् वह विष्णु की माया ऐश्वर्यशालिनी है, जिसने सम्पूर्ण जगत् को मोह में डाल रखा है। अर्थात् दुष्ट हिंसक व्यक्ति अपने पाप से मारा गया और सज्जन समत्वभाव के कारण भय से बच गया।
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