“अंधेरे में” गजानन माधव मुक्तिबोध द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध कविता है। यह कविता मुक्तिबोध के काव्य संग्रह “चाँद का मुँह टेढ़ा है” में शामिल है। “अंधेरे में” कविता एक लंबी, प्रतीकात्मक और कल्पनाशील कविता है जो सामाजिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत संघर्षों को दर्शाती है।
कविता की विशेषताएं:
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प्रतीकात्मकता:कविता में कई प्रतीकों का उपयोग किया गया है, जैसे कि “अंधेरा”, “वह”, “प्रकाश”, “कमरा”, आदि।
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कल्पनाशीलता:कविता में कवि की कल्पनाशीलता का उत्कृष्ट प्रदर्शन है, जो कविता को एक रहस्यमय और आकर्षक रूप देती है।
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सामाजिक और राजनीतिक चेतना:कविता में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।
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मनोवैज्ञानिकता:कविता में कवि के आंतरिक संघर्षों और भावनाओं को भी व्यक्त किया गया है।
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भाषा:कविता की भाषा सरल और सहज है, लेकिन प्रतीकात्मकता और कल्पनाशीलता के कारण यह जटिल भी है।No of Page – 232Weight – 270 gmDimension – 21 x 14 x 1.5 cm
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