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Main Nastik Kyun Hoon by Bhagat Singh

135.00

मैं नास्तिक क्यों हूँ (Why I am an Atheist) भगत सिंह द्वारा लिखा एक लेख है जो उन्होंने लाहौर सेंट्रल जेल में क़ैद के दौरान लिखा था और इसका प्रथम प्रकाशन लाहौर से ही छपने वाले अख़बार दि पीपल में 27 सितम्बर 1931 को हुआ। यह लेख भगत सिंह के द्वारा लिखित साहित्य के सर्वाधिक चर्चित और प्रभावशाली हिस्सों में गिना जाता है और बाद में इसका कई बार प्रकाशन हुआ। इस लेख के माध्यम से भगत सिंह ने तार्किक रूप से यह बताने की कोशिश की है कि वे किसी ईश्वरीय सत्ता में क्यों यकीन नहीं करते हैं।

इतिहासकार बिपिन चन्द्र के अनुसार भगत सिंह ने जेल में कई किताबे और पर्चे लिखे थे, लेकिन इनका अधिकांश हिस्सा नष्ट हो गया। यह पर्चा (लेख) किसी प्रकार उनके पिता के हाथों, जेल से बाहर आया और लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित अखबार दि पीपल में प्रकाशित हुआ।

Pages – 144

Weight – 220g

Size – 21 x 14 x 1 cm

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