यह एक आदर्श कहानी है प्रेमी लहना सिंह और प्रेमिका सरदारनी विवाह रहित होकर भी अपने हृदय में प्रेम का दीप जलाते रहते हैं वह दीप कभी बुझने वाला नहीं है हजारा सिंह उस सरदारनी के पति है और बोधा सिंह उसका पुत्र है दोनों सैनिक है वह कर्तव्य का पक्का है उसमें वीरता कूट-कूट कर भरी है उसके शब्दों में बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता हैं …
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